Dr Shri Krishna Singh Biography – बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह एक महान नेता थे, जिन्होंने बिहार और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके आदर्श और विचार आज भी हमें प्रेरणा देते हैं। उनके द्वारा किए गए कार्यों की वजह से उन्हें बिहार केसरी के नाम से जाना जाता है, जो उनके साहस और सेवा को सम्मानित करता है। उनका जीवन और उनके कार्य हमें यह सीख देते हैं कि कैसे एक सच्चे नेता को समाज की सेवा करनी चाहिए और देश के विकास में अपना योगदान देना चाहिए।
डॉ श्रीकृष्ण सिंह की जीवनी – Dr Shri Krishna Singh Biography
डॉ. श्रीकृष्ण सिंह, जिन्हें ‘श्री बाबू’ के नाम से भी जाने जाते थे श्रीकृष्ण सिंह बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेताओ में से एक थे उनके जीवन का हर पहलू प्रेरणादायक है, चाहे वह शिक्षा हो, राजनीति हो, या समाज सेवा। इस लेख में हम डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के जीवन के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं का विस्तार से वर्णन करेंगे। आये जानते है इस टेबल के माध्यम से उनका नाम ,उपनाम,जन्म तारीख ,उनका गांव उनके माता ,पिता के बारे में ये सभी जानकारी आप को मिलेगा.
विवरण | जानकारी |
पूरा नाम | डॉ. श्रीकृष्ण सिंह |
उपनाम | श्री बाबू |
पेशा | राजनेता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी |
जन्म तिथि | 21 अक्टूबर 1887 |
जन्म स्थान | मौर गांव, नवादा जिला, बिहार |
मृत्यु तिथि | 31 जनवरी 1961 |
आयु | 73 वर्ष (मृत्यु के समय) |
धर्म | हिन्दू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
प्रसिद्धि के कारण | बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री |
उपलब्धियाँ | सिंचाई परियोजनाएँ: उन्होंने राज्य में कई सिंचाई परियोजनाओं का शुभारंभ किया, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई। शिक्षा का विकास: उनके कार्यकाल में कई स्कूल, कॉलेज, और विश्वविद्यालयों की स्थापना हुई। औद्योगिकीकरण: उन्होंने बिहार में उद्योगों को बढ़ावा दिया, जिससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़े। |
पुरस्कार | राष्ट्रपति पुरस्कार: उन्हें उनके अद्वितीय नेतृत्व और सेवा के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। |
परिवार | पिता का नाम चंद्रभानु सिंह माता का नाम ज्ञात नहीं |
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Table of Contents
श्रीकृष्ण सिंह का बचपन और परिवार – Childhood and family of Shri Krishna Singh
श्रीकृष्ण सिंह का जन्म 21 अक्टूबर 1887 को बिहार के मुंगेर जिले के नवादा गांव (जिसका वर्तमान में भागलपुर जिले में है) में हुआ था। उनके पिता का नाम चंद्रभानु सिंह था, जो एक प्रतिष्ठित किसान परिवार से संबंध रखते थे। उनके परिवार की पृष्ठभूमि भूमि स्वामी की थी और उनका जीवन ग्रामीण परिवेश में बीता। बचपन से ही श्रीकृष्ण सिंह बहुत मेधावी और जागरूक थे, उन्हें सामाजिक न्याय और लोगों की सेवा का महत्व बहुत पहले से समझ में आ गया था।
डॉ श्रीकृष्ण सिंह शैक्षणिक योग्यता – Dr Shri Krishna Singh Education Qualification
श्रीकृष्ण सिंह की प्रारंभिक शिक्षा गांव के एक स्थानीय स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने भागलपुर के टीएनबी कॉलेज से उच्च शिक्षा प्राप्त की। वहां से उन्होंने इतिहास में स्नातक किया। उच्च शिक्षा के लिए वे कलकत्ता विश्वविद्यालय गए जहां उन्होंने 1915 में इतिहास में एम.ए. की डिग्री प्राप्त की। उनकी शिक्षा ने उन्हें देश और समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक के रूप में विकसित किया।
श्रीकृष्ण सिंह राजनीतिक जीवन की शुरुआत – Shri krishna Singh Beginning of Political Career
श्रीकृष्ण सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1920 के दशक में की जब भारत में स्वतंत्रता संग्राम तेज़ी से बढ़ रहा था। वे महात्मा गांधी के सत्याग्रह और असहयोग आंदोलन से बहुत प्रभावित थे। 1921 में वे महात्मा गांधी के आह्वान पर असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए।
इस आंदोलन में उनकी भागीदारी ने उन्हें बिहार में एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी के रूप में स्थापित कर दिया।उनकी लगन और समर्पण के कारण उन्हें 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुंगेर जिले का सचिव बनाया गया। वे सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे और कई बार जेल गए.
श्रीकृष्ण सिंह मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल – Shri Krishna Singh’s Tenure As Chief Minister
भारत की स्वतंत्रता के बाद, 1946 में श्रीकृष्ण सिंह को बिहार का प्रथम मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। वे 1961 तक इस पद पर बने रहे, जो कि उनकी दूरदर्शिता और प्रशासनिक क्षमताओं को दर्शाता है। मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने बिहार के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
- शिक्षा का प्रसार: उन्होंने राज्य में शिक्षा के विस्तार पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कई स्कूलों और कॉलेजों की स्थापना की, जिससे बिहार में शिक्षा का स्तर बढ़ा।
- कृषि विकास: श्रीकृष्ण सिंह ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं चलाईं। उन्होंने सिंचाई सुविधाओं में सुधार किया और किसानों को कृषि संबंधी सहायता प्रदान की।
- औद्योगीकरण: उनके कार्यकाल में बिहार में कई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हुई, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार आया।
- सामाजिक सुधार: उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। उन्होंने दलितों और पिछड़े वर्गों की स्थिति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए।
- संवैधानिक सुधार: श्रीकृष्ण सिंह ने राज्य में संवैधानिक सुधारों को लागू किया जिससे राज्य की शासन व्यवस्था में सुधार हुआ।
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श्रीकृष्ण सिंह व्यक्तिगत जीवन – Dr Shri Krishna Singh Personal Life
श्रीकृष्ण सिंह का व्यक्तिगत जीवन बहुत सरल और सादा था। वे गांधीवादी विचारधारा के अनुयायी थे और अपने जीवन में सदैव सादगी और ईमानदारी का पालन किया। उनका विवाह 1910 में हुई थी, और उनके परिवार में उनकी पत्नी और बच्चे थे। वे अपने परिवार के साथ एक साधारण जीवन व्यतीत करते थे.
श्रीकृष्ण सिंह के विचार और आदर्श – Thoughts and Ideals of Shri Krishna Singh
श्रीकृष्ण सिंह के विचार और आदर्श गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित थे। वे सत्य, अहिंसा और सामाजिक न्याय में विश्वास करते थे। उन्होंने हमेशा समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया। वे मानते थे कि समाज के कमजोर और पिछड़े वर्गों का विकास ही देश का वास्तविक विकास है।
उनके विचारों में शिक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता को विशेष महत्व दिया गया। वे मानते थे कि शिक्षा ही वह साधन है जो समाज को प्रगति की ओर ले जा सकता है। इसलिए उन्होंने अपने कार्यकाल में शिक्षा के प्रसार पर विशेष जोर दिया।
श्रीकृष्ण सिंह को मिला सम्मान और पुरस्कार – Shri krishna Singh Received Honor And Award
श्रीकृष्ण सिंह को उनके उत्कृष्ट कार्यों और समाज के प्रति योगदान के लिए कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हुए। उन्हें बिहार केसरी के नाम से भी जाना जाता है। उनके सम्मान में बिहार के कई संस्थानों और सड़कों का नामकरण किया गया है।निधनश्रीकृष्ण सिंह का निधन 31 जनवरी 1961 को पटना में हुआ। उनके निधन से बिहार और पूरे देश ने एक महान नेता को खो दिया। उनके निधन के बाद भी, उनकी विचारधारा और आदर्श आज भी बिहार के लोगों को प्रेरित करते हैं।
श्री कृष्ण सिंह विरासत – Heritage
श्रीकृष्ण सिंह की विरासत उनके कार्यों और विचारों में प्रतिबिंबित होती है। उन्होंने बिहार के विकास के लिए जो कदम उठाए, वे आज भी राज्य के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी शिक्षा, कृषि, और औद्योगिक विकास की नीतियों ने राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
श्रीकृष्ण सिंह के द्वारा स्थापित संस्थान और उनके द्वारा शुरू की गई योजनाएं आज भी उनकी विरासत को जीवित रखे हुए हैं। बिहार में उनके नाम पर कई शैक्षणिक संस्थान और सड़कों का नामकरण किया गया है, जो उनके प्रति राज्य के लोगों के सम्मान को दर्शाता है।
FAQs – Dr Shri Krishna Singh Biography
1 – डॉ. श्रीकृष्ण सिंह कौन थे?
Ans – डॉ. श्रीकृष्ण सिंह बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्हें ‘श्री बाबू’ के नाम से भी जाना जाता है।
2 – डॉ. श्रीकृष्ण सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
Ans – डॉ. श्रीकृष्ण सिंह का जन्म 21 अक्टूबर 1887 को बिहार के नवादा जिले के मौर गांव में हुआ था।
3 – डॉ. श्रीकृष्ण सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम में क्या भूमिका निभाई?
Ans – डॉ. श्रीकृष्ण सिंह ने असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया। वे महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित थे और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।
4 – डॉ. श्रीकृष्ण सिंह बिहार के मुख्यमंत्री कब बने?
Ans – डॉ. श्रीकृष्ण सिंह 1946 में बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बने और 1961 तक इस पद पर बने रहे।
5 – डॉ. श्रीकृष्ण सिंह ने बिहार के विकास के लिए कौन-कौन से कार्य किए?
Ans – डॉ श्री कृष्णा सिंह जी के कार्यकाल में शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, और औद्योगिकीकरण के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार किए गए। उन्होंने बिहार में कई नए स्कूल, कॉलेज, और उद्योग की स्थापना की
6 – डॉ. श्रीकृष्ण सिंह का निधन कब हुआ?
Ans – श्रीकृष्ण सिंह का निधन 31 जनवरी 1961 को हुआ।
7 – क्या डॉ. श्रीकृष्ण सिंह को कोई पुरस्कार मिला था?
Ans – हां, उन्हें उनके अद्भुत कार्य नेतृत्व और सेवा के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
8 – डॉ. श्रीकृष्ण सिंह को ‘श्री बाबू’ क्यों कहा जाता है?
Ans – डॉ कृष्णा सिंह जी के सरल और विनम्र स्वभाव के कारण लोग उन्हें प्यार से ‘श्री बाबू’ कहकर पुकारते थे यह नाम उनके प्रति सम्मान और स्नेह का प्रतीक है।
9 – डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की शिक्षा कहाँ हुई थी?
Ans – डॉ कृष्णा सिंह जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव में प्राप्त की और बाद में आगे की पढाई के लिए वो पटना कॉलेज और कलकत्ता विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की।
10 – डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की विरासत क्या है?
Ans – डॉ कृष्णा सिंह जी के दवारा किये गए कार्य आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। बिहार के विकास में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता है, और उनके सिद्धांत नई पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक हैं।
निष्कर्ष :
इस लेख के माध्यम से हमने आपको डॉ कृष्णा सिंह की Biography की समस्त जानकारी प्रदान की है। यदि आप डॉ कृष्णा सिंह से जुडी किसी भी अन्य प्रकार की सूचना प्राप्त करना या किसी प्रकार का प्रश्न का उत्तर लेना चाहते है तो आप नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में जाकर मैसेज करके हम से पूछ सकते है। हमारे द्वारा आपके प्रश्न का उत्तर अवश्य दिया जाएगा। आशा करते है आपको डॉ कृष्णा सिंह के विषय में हमारे द्वारा दी गयी जानकारी अच्छी लगी होंगी अगर आप को इस लेख में हमरी दी गयी जानकारी पसंद आयी हो तो इस लेख को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच जरूर शेयर करे
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